GETTING MY HINDI STORY TO WORK

Getting My hindi story To Work

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घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।

उस दिन बड़े सवेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त

''एक राजा निरबंसिया थे”—माँ कहानी सुनाया करती थीं। उनके आसपास ही चार-पाँच बच्चे अपनी मुठ्ठियों में फूल दबाए कहानी समाप्त होने पर गौरों पर चढ़ाने के लिए उत्सुक-से बैठ जाते थे। आटे का सुंदर-सा चौक पुरा होता, उसी चौक पर मिट्टी की छः ग़ौरें रखी जातीं, जिनमें कमलेश्वर

राजा का दर्द – The Royal Toothache – Colouring and hygiene Hindi – The king in the jungle is using a quite agonizing toothache, he asks another animals for support but they are all afraid of him. Hopeless, he lies in pain till he achieved a little mouse. That Despite the fact that how modest he …

नोट–इस अत्यंत संक्षिप्त टिप्पणी में असंख्य अत्यंत महत्वपूर्ण कहानियाँ छूट गई हैं, जिनमें अज्ञेय की 'शरणदाता', 'विपथगा', और 'रोज़', निर्मल वर्मा की 'परिंदे', और 'कौए और कालापानी', अमरकांत की 'बू' और 'ज़िंदगी और जोंक', कृष्णा सोबती की 'यारों के यार' और 'मित्रो मरजानी', काशीनाथ सिंह की 'सुख' और अन्य कहानियां, विनोद कुमार शुक्ल की 'पाठशाला', हिंदी कहानी में अपनी अपूर्व जगह रखनेवाले विरल कथाकार रामनारायण शुक्ल की 'सहारा' और 'खलनायक', राजेंद्र यादव की 'टूटते खिलौने' और 'जहां लक्ष्मी क़ैद है', मन्नू भंडारी, कृष्ण बलदेव वैद, स्वयं प्रकाश, शेखर जोशी, ओम प्रकाश वाल्मीकि, देवेंद्र, शिवमूर्ति, बलराम, अमितेश्वर, व्रजेश्वर मदान, चंद्रकिशोर जायसवाल, जयनंदन, अवधेश प्रीत, प्रियंवद, सृंजय, सनत कुमार ..... सूची बहुत लंबी है.

फिर भी आपने उसको अपने हाथ से बचाया। आप ऐसा क्यों कर रहे थे ?

किसी जगह पर पीपल का एक बहुत बड़ा पेड़ था। वहां रहने वाले लोगों का यह मानना था की यह पीपल का पेड़ बहुत पवित्र है। कुछ समय बीता, वहां केराजा की एक बेटी हुई। बेटी का नाम रूपा रखा गया। रूपा को बाग़-बगीचे में खेलना बहुत अच्छा लगता था। जैसे ही रूपा की पढ़ाई पूरी होती, वह सीधे राज बगीचे में खेलने चली जाती।

बनाने के लिए वोट दिया है। मुखिया को का संगी की यात्रा करने और उसके साथ नीले आकाश में उड़ान भरने का मौका मिलेगा। क- संगी सूर्य की देवी थीं। मोर बहुत उत्साहित था। मोर ने अपनी यात्रा के लिए उड़ान भरी। उसके जाने के तुरंत बाद, अन्य पक्षी गपशप करने लगे और उनकी छोटी सी चाल पर हंसने लगे। का-सांगी अपने महल में अकेली रहती थी। इसलिए, वह अपने स्थान पर एक अतिथि को पाकर बहुत खुश थी।

पंडित जी ने प्रसाद में मिले चावल दाल और फलों को आंगन में रखा हुआ था। चिड़िया ने देखा और बच्चों के लिए अपने मुंह में ढेर सारा चावल रख लिया। और झटपट वहां से उड़ गई।

'बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही.'

नैतिक शिक्षा – बच्चों के मनोबल को बढ़ाइए कल के भविष्य का निर्माण आज से होने दे।

'ठाकुर का कुआं', 'सवा सेर गेहूँ', 'मोटेराम का सत्याग्रह', जैसी प्रेमचंद की अनेक कहानियों में अंतर्भूत मानवीय संवेदना तथा जाति व्यवस्था के प्रति उनका दृष्टिकोण इस कहानी को कालजयी और आधुनिक बनाता है.

वह कौन-सा मनुष्य है जिसने महा-प्रतापी राजा भोज महाराज का नाम न सुना हो! उसकी महिमा और कीर्ति तो सारे जगत् में व्याप रही है, और बड़े-बड़े महिपाल उसका नाम here सुनते ही काँप उठते थे और बड़े-बड़े भूपति उसके पाँव पर अपना सिर नवाते। सेना उसकी समुद्र की तरंगों राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद

कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ

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